सरकार की नीतियों का जताया विरोध
गिरिडीह : केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किए गए बदलाव , कोयला उद्योग में व्यवसायीकरण नीति तथा विदेशी प्रत्यक्ष पूंजी निवेश की इंटक ने कड़ी भर्त्सना करते हुए एवं नारा लगाते हुए काला बिल्ला लगाकर हड़ताल का समर्थन किया.
बताया गया कि कोरोना के कारण मजदूरों की आर्थिक स्थित पर पड़े असर को देखते हुए इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर दूबे व प्रदेशाध्यक्ष डॉ प्रदीप बालमुचु ने फैसला किया कि इस हड़ताल को आंशिक रूप से किया जाएगा तथा इस हड़ताल में कोई भी मजदूर अपना काम नहीं छोड़ेगा अपितु काले बिल्ले आदि लगाकर अपना विरोध जताएंगे. इस तरह का आदेश इंटक के केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा हर क्षेत्र के इकाई स्तर पर दिया गया था.
राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ गिरिडीह क्षेत्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सह सुरक्षा समिति के सदस्य ओवेरमेन अजीत कुमार ने कहा कि कोरोना के कारण मजदूरों को पहले ही काफी आर्थिक तंगी से जुझना पड़ा है, ऐसे में वे कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे मजदूरों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़े. इसलिए इस हड़ताल को नैतिकता के आधार पर काला बिल्ला लगाकर एवं नारा लगाते हुए राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ ने हड़ताल मैं नैतिक समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानूनों में जो बदलाव किए गए हैं. वह किसी भी सूरत में मजदूरों और कर्मचारियों के हित में नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इन बदलावों को वापस लेना होगा. राहुल कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि आने वाले समय में केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीति एवं कोयला उद्योग में निजीकरण के विरोध में और उग्र तरीके से आंदोलन किया जाएगा.
इस मौके पर महादेव कुम्हार , जोगिंदर दास, उपेंद्र विश्वकर्मा, मो गफ्फार, दर्शन भुइया, एमडी सफीक प्रेम कुमार, आराधना मंडल, मनोज रजक सुरेश् बढ़हि, रेवात साव, इंदौर दास, शमीम अंसारी, एमडी इलियास, किशोर नारायण, संतोष कुमार, राजेश कुमार, वासुदेव दास, राजेंद्र ठाकुर, जोगिंदर कुमार इत्यादि दर्जनों ने लोगों ने कबरीबाद परियोजना में विरोध प्रदर्शन किया.