
गिरिडीह : कृषि विधेयक के विरोध में आहूत भारत बंद गिरिडीह में बेअसर रहा। हालांकि बंद के समर्थन में भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह प्रदर्शन किया। मगर प्रशासन ने इसपर रोक लगा दी। शहर में जहां माले के कार्यकर्ता झंडा मैदान से प्रतिवाद मार्च निकालने की तैयारी में थे। उसे प्रशासन ने तो पहले इजाजत नहीं दी। इसके बाद अंबेडकर चौक तक जाने की इजाजत दी गई। जहां कार्यकर्ताओं ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार को किसान विरोधी बताया।
मौके पर भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य राजेश कुमार यादव एवं गिरिडीह विधानसभा के प्रभारी राजेश सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयक पूरी तरह से देश के किसानों तथा जनता के विरोध में हैं। इससे जहां किसानों की हैसियत और औकात घटेगी और वे पूरी तरह से कंपनियों के अधीन हो जाएंगे, वहीं कृषि उपज पर भी कंपनियों का ही कब्जा होगा और वे मनमर्जी तरीके से उसकी कीमतें भी तय करेंगे।

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कहा कि, किसानों की जमीन भी कंपनियों के हवाले करने के मकसद से मोदी सरकार ने ये विधेयक लाए हैं। साथ – ही – साथ इससे खाद्य पदार्थों की खुलेआम जमाखोरी व मुनाफाखोरी को बढ़ावा मिलेगा और आम लोगों को खाद्य वस्तुओं में और भी महंगाई का सामना करना पड़ेगा। पूरे देश के किसान अपने चौपट भविष्य को देखते हुए कृषि विधेयकों का इसीलिए विरोध कर रहे हैं। सरकार को तत्काल ही लाए गए सभी कृषि विधेयकों को वापस लेना चाहिए अन्यथा यह आंदोलन और बढ़ेगा। करोड़ों किसानों के आगे तानाशाही मोदी सरकार को झुकना ही पड़ेगा।
कार्यक्रम में माले नेता एवं जिप सदस्य मनोवर हसन बंटी, माले नेता नौशाद अहमद चांद, ऐपवा नेत्री प्रीति भास्कर, निशांत भास्कर, मोहम्मद ताज, मनीष वर्मा, कन्हैया सिंह, अखिलेश राज, विकास वर्मा, कादिर अंसारी, बॉबी देवी, सोनी देवी, पिंकी देवी, सुनीता देवी, प्रदीप यादव, मोहम्मद सैलाब, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद राजा, मोहम्मद यूनुस, मोहम्मद गुफरान, मोहम्मद शफीक, मोहम्मद आबिद, मोहम्मद हसनैन, मोहम्मद एहसान, विकास कुमार वर्मा, अजय कुमार वर्मा, भुनेश्वर महतो, लक्ष्मण महतो समेत अन्य थे।

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