गिरिडीह : शहर के बरगंडा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में सोमवार को संत शिरोमणि तुलसीदास जी की जयंती मनाई गई। प्रधानाचार्य संजीव कुमार सिन्हा ने तुलसीदास जी के समक्ष दीप जलाकर एवं पुष्पार्चन कर कार्यक्रम को प्रारंभ किया।
इस अवसर पर आचार्य परिवार द्वारा सस्वर सुंदरकांड का पाठ किया गया। साथ ही इस वैश्विक महामारी में लोगों के स्वास्थ्य एवं सुख की मंगल कामना के लिए रुद्राभिषेक किया गया।
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प्रधानाचार्य ने कहा कि तुलसीकृत रामचरितमानस सभी हिंदू घरों का धरोहर है। इसका नियमित पाठ करने से सकल दोष एवं दुःख का निवारण होता है। तुलसीदास द्रष्टा,पथ प्रदर्शक, कवि एवं परम संत थे। पत्नी की एक फटकार से प्रेरित होकर उन्होंने संत मार्ग को अपनाया। उनकी 12 रचनाओं में रामचरितमानस सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने राम भक्ति द्वारा न केवल अपना ही जीवन कृतार्थ किया वरन सभी को श्री राम के आदर्शों से बांधने का प्रयास किया। हम रामचरितमानस से प्रेरणा लेकर आदर्श राज्य एवं राष्ट्र की स्थापना कर सकते हैं।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सतीश मिश्रा, अवधेश कुमार पाठक, राजेंद्र लाल बरनवाल, अजीत मिश्रा, अरविंद त्रिवेदी, मनीष पाठक, बिपिन सहाय, पृथा सिन्हा, सविता पांडे, अनिता मिश्रा, हरिशंकर तिवारी आदि का सराहनीय योगदान रहा।