गिरिडीह : उच्च न्यायालय, झारखंड रांची एवं झालसा रांची के निर्देशानुसार कोरोना वैश्विक महामारी के संकट काल में कुटुंब न्यायालय गिरिडीह के पारिवारिक मामलों से संबंधित वादों में पांच दिवसीय ऑनलाइन मध्यस्थता स्पेशल ड्राइव का आयोजन 8 जून से दिनांक 12 जून तक व्यवहार न्यायालय गिरिडीह में किया गया।
इस ऑनलाइन मध्यस्थता स्पेशल ड्राइव के लिए कुटुंब न्यायालय गिरिडीह के द्वारा कुल 115 पारिवारिक मामलों को चिन्हित कर मध्यस्थता केंद्र जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह में भेजा गया।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह दीपक नाथ तिवारी के निर्देश पर ऑनलाइन मेडिएशन स्पेशल ड्राइव को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु गिरिडीह न्याय मंडल के कुल 7 प्रशिक्षित मध्यस्थों को इस कार्य हेतु नामित किया गया, तथा उन्हें JITSI Meet App के द्वारा ऑनलाइन कार्य करने हेतु प्रशिक्षित किया गया।
15 मामलों के निष्पादन करवाने में जताई अपनी सहमति
जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के द्वारा सभी चिन्हित पक्षकारों को डाक के माध्यम से एवं पारा लीगल वॉलिंटियर्स के माध्यम से नोटिस दिया गया तथा उन्हें संबंधित मध्यस्थों के साथ ऑनलाइन वीडियो कॉलिंग/ कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने मामलों की सुनवाई करवाने हेतु प्रेरित किया गया।
ऑनलाइन मध्यस्थता स्पेशल ड्राइव के अंतिम दिन आज दिनांक 12 जून 2020 को कुल 23 मामलों में पक्षकारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की गई, जिनमें से 15 मामलों में पक्षकारों ने सुलह- समझौता के आधार पर अपने वाद का निष्पादन करवाने में अपनी सहमति जताई।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा ऑनलाइन तकनीक से मिली काफी सफलता
इस पांच दिवसीय ऑनलाइन मध्यस्थता स्पेशल ड्राइव कार्यक्रम के दौरान कुल 115 चिन्हित मामलों में से 50 मामलों में समझौते के आधार पर सुलह (Settle) किया गया। इनमें से 25 मामलों में पति पत्नी ने अपना पारिवारिक जीवन एक साथ बिताने के लिए सहमत हुए और अपने मामले का निष्पादन किया।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह दीपक नाथ तिवारी ने समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 के संक्रमण काल तथा लॉक डाउन की इस अवधि में उच्च न्यायालय के निर्देश पर पारिवारिक मामले में मध्यस्थता स्पेशल ड्राइव का आयोजन ऑनलाइन तकनीक का इस्तेमाल कर किया गया और इसमें काफी सफलता भी मिली है।
कुशलतापूर्वक मामले को निपटाने में की मदद
प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय गिरिडीह कुमारी रंजना अस्थाना ने कहा कि इस कार्यक्रम हेतु चिन्हित मामलों में पक्षकारों को उनके स्तर से काउंसिलिंग किया गया था साथ ही कार्यालय द्वारा सभी पक्षकारों से फोन के माध्यम से संपर्क स्थापित किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप इस कार्यक्रम में अधिकाधिक मामलों को सुलह के आधार पर सफल करने में सहायता मिली, इसमें कुटुंब न्यायालय के कर्मचारीगण जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कर्मचारीगण तथा प्रतिनियुक्ति पीएलवी सभी ने टीम भावना के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के सचिव महोदय के साथ तालमेल स्थापित कर कार्य किया साथ ही सभी प्रतिनियुक्त मध्यस्थों ने भी कुशलतापूर्वक मामले को निपटाने में मदद की है।
भारतीय समाज में परिवार की विशेष महत्ता
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय समाज में परिवार की विशेष महत्ता होती है इसी को मद्देनजर रखते हुए इस इस मध्यस्थता स्पेशल ड्राइव कार्यक्रम में कुल निष्पादित 50 मामलों में से 25 मामलों में पति पत्नी ने अपना पारिवारिक जीवन साथ बिताने का संकल्प लिया है, यह बहुत ही सराहनीय पहल है।
बताया गया कि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह दीपक नाथ तिवारी एवं माननीय प्रधान न्यायधीश महोदया कुटुंब न्यायालय गिरिडीह कुमारी रंजना अस्थाना के कुशल मार्गदर्शन में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह, संदीप कुमार बर्तम द्वारा सभी चिन्हित मामलों में मध्यस्थों एवं पारा लीगल वॉलिंटियर को प्रतिनियुक्त किया गया।
सचिव ने सभी सातों प्रतिनियुक्त मध्यस्थों कामेश्वर प्रसाद यादव, गिरीश प्रसाद, श्यामदेव राय, राम रतन शर्मा, उर्मिला शर्मा, विभा रानी प्रसाद एवं रेनू वर्मा तथा सभी प्रतिनियुक्त पीएलवी से लगातार संपर्क में रहकर मॉनिटरिंग करते हुए ऑनलाइन मध्यस्थता स्पेशल ड्राइव को कराने में निरंतर तत्पर रहे।
इनकी रही सराहनीय भूमिका
इस कार्यक्रम की सफलता में कुटुंब न्यायालय,गिरिडीह के कर्मचारियों, जिला विधिक सेवा प्राधिकार,गिरिडीह के कर्मचारियों तथा चिन्हित मामलों में प्रतिनियुक्त पारा लिगल वॉलिंटियर्स की भूमिका सराहनीय रही।