धार्मिक स्थानों को खोले जाने को लेकर उचित कदम उठाए जाने की रखी मांग
गिरिडीह : जैनियों के पावन तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखरजी मधुबन में संचालित भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखकर उनसे विशेष पहल करने की मांग की है। श्री दिगंबर जैन शास्वत तीर्थराज सम्मेद शिखर ट्रस्ट के महामंत्री राजकुमार जैन अजमेरा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि लॉकडॉउन से शिखरजी में जैन तीर्थ यात्री संस्थान मजदूरों एवं अन्य व्यवसाय में संकट हो रहा है। लोगों के समक्ष भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो रही है।
कहा कि मधुबन जैनियों का विश्व के सबसे महानतम तीर्थ स्थल है जहां हर वर्ष लाखों तीर्थयात्री दर्शन पूजन को आते हैं । यहां 24 में से 20 तीर्थंकरों ने निर्माण पद को प्राप्त किया है। यहां कई छोटे-बड़े मंदिर एवं संस्थाएं कार्यरत हैं। इसके साथ ही शिखरजी के इर्द-गिर्द बसे सैकड़ों गांव के लोगों का रोजगार भी शिखरजी पर आश्रित है। वर्तमान समय में पूरे विश्व के साथ साथ हमारा देश भी कोरोना महामारी से जूझ रहा है। सुरक्षा और बचाव के मद्देनजर सरकार द्वारा लॉकडाउन घोषित किया गया है। लॉकडाउन बढ़ने के कारण यहां कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो गई है। सभी मंदिर एवं संस्थाएं लंबे समय से बंद पड़ी हुई है। यातायात के भी कोई साधन नहीं है।
आस्था के साथ रोजी रोटी पर सवाल
पत्र के जरिये जिक्र किया गया है कि शिखरजी के नजदीक पारसनाथ स्टेशन है जहां वर्तमान में दूसरे राज्य से आ रही कोई भी ट्रेन नहीं रुक रही है। जिसका सीधा असर यहां के लोगों के रोजगार , व्यवसाय, वाहन चालक, डोली मजदूर आदि पर पड़ रहा है। बताया गया है कि आने वाले समय में श्रावण सप्तमी भी है इस अवसर पर पूरे देश के सभी प्रांतों से हजारों लोग भगवान पार्श्वनाथ के दर्शन करने एवं निर्वाण लाडू चढ़ाने आते हैं। पिछले कई सालों से यह पर्व यहां बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता रहा है। किंतु वर्तमान समय में कोरोणा के साथ साथ लॉकडाउन से सभी में निराशा है। निराशा भी क्यों न हो आस्था के साथ साथ रोजी रोटी का जो सवाल है।
उचित गाइडलाइन देने की मांग
मुख्यमंत्री के कार्यों की प्रशंसा करते हुए श्री सम्मेद शिखरजी के साथ-साथ राज्य के तमाम मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, जाहिर थान के लिए उचित गाइडलाइन देने की मांग की गई है।
साथ ही विश्वास जताया गया कि मुख्यमंत्री वस्तु स्थिति को सामान्य करने के लिए उचित कदम उठाते हुए समस्त भारतवर्षीय जैन समाज, गरीब, डोली मजदूर, व्यवसाय एवं शिखरजी की यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों को अनुग्रहित करेंगे।