गिरिडीह : राज्य परियोजना निदेशक उमा शंकर सिंह द्वारा राज्यस्तर पर प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय हरलाडीह के प्रधानाध्यापक सफ़दर अली को राज्य सरकार के प्रोग्राम डीजी-साथ द्वारा बेहतरीन डिजिटल शिक्षा का क्रियान्वयन सुदूरवर्ती ग्राम हरलाडीह में करने हेतु राज्यस्तर पर प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया गया है। गिरिडीह जैसे जिले के सुदूरवर्ती ग्राम हरलाडीह के उच्च विद्यालय का पुस्कृत होना राज्य स्तर पर एक मिसाल बनकर उभरा है । संसाधन विहीन स्थल में स्थित विद्यालय की उपलब्धि शहरी क्षेत्र के विद्यालयों के लिए भी प्रेरणादायक है कि अगर कार्य निष्ठा से हो तो किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है।
सम्मान हमारे लिए प्रेरणास्रोत
शिक्षक को सम्मान मिलने से विद्यालय के छात्रों ने ख़ुशी जाहिर की है। कक्षा दशम के छात्र अजय कुमार ने कहा कि तालाबंदी के समय जब हमारी शिक्षा रुक सी गयी थी, तभी सभी शिक्षको ने हमे डीजी-साथ के डिजिटल शिक्षा द्वारा रुचिकर रूप से विस्तार पूर्वक पढ़ाना शुरू किया तथा विद्यालय बन्द है ऐसा महसूस नहीं होने दिया । ये सम्मान हमारे लिए प्रेरणास्रोत है भविष्य में हम बच्चें और भी मेहनत से शिक्षा ग्रहण करेंगे।
प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय हरलाडीह के अध्य नरेंद्र कुमार ने कहा कि प्रधानाध्यापक सफदर अली के नेतृत्व मे सभी शिक्षक एकजुटता के साथ बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगातार मेहनत करते हुए एक-एक बच्चे से हरेक विषय पर अपने अपने योगदान दे रहे हैं इससे छात्र-छात्रा एवं अभिभावक बेहद उत्साहित हैं।
क्षेत्र का नाम किया रोशन : राजकुमार जैन अजमेरा
शाश्वत ट्रस्ट के महामंत्री राजकुमार जैन अजमेरा ने भी सफ़दर अली को बधाई दी है, श्री अजमेरा ने कहा एक सफ़दर अली युवा शिक्षक हैं इनके अंदर जनकल्याणकारी कार्य करने का जज्बा है, वह शाश्वत ट्रस्ट के साथ भी जनकल्याणकारी कार्यों में निस्वार्थ भाव से जुड़े हुए रहते हैं इस राज्यस्तर सम्मान से उन्होंने इस क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
शिक्षकों के सम्मिलित प्रयास का परिणाम : सफ़दर अली
मेरे लिए यह सम्मान विद्यालय परिवार के सभी शिक्षकों के सम्मिलित प्रयास का परिणाम है । जैसे ही तालाबंदी की घोषणा हुई थी बच्चों के पढाई पर ग्रहण लग गया था , इसको निर्बाध रूप से चलाने हेतु डीजी-साथ के प्रोग्राम तथा विद्यालय के खुद के स्तर पर डिजिटल कक्षा शुरू की गई।
आरंभ में समस्या के रूप में बच्चो तथा अभिभावकों के बीच टेक्निकल ज्ञान की कमी आ रही थी जिसे देखते हुए सर्वप्रथम बच्चों तथा अभिभावकों को टेक्निकल ज्ञान बढाने को उन्हें लिंक खोलने, पीडीएफ के उपयोग, वीडियो लिंक, कॉन्फ्रेंस क्लास इत्यादि के ज्ञान पर फोकस किया गया ।
जिससे विद्यालय के अभिभावकों तथा बच्चे में तकनीकी ज्ञान की वृद्धि हुई तथा उन्हें ऑनलाइन कक्षाएं रुचिकर लगने लगी । विद्यालय के शिक्षक सुलभ भाषा में खुद भी शिक्षण सामग्री बनाकर शेयर कर रहे हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई जारी रहे ।