
बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर रहेगी रोक
रांची : उच्चस्तरीय बैठक के बाद झारखंड में 11 ब्रांड के पान मसाला पर 1 साल के लिए प्रतिबन्ध लगा दिया गया है. यह प्रतिबंध विभिन्न जिलों से प्राप्त 41 पान मसाला के नमूनों के जांच में मैग्निशियम कार्बोनेट की मात्रा पाए जाने के कारण लगाई गई है. मैग्निशियम कार्बोनेट से हृदय की बीमारी सहित विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ होती है. जिन ब्रांड के पान मसालों प्रतिबंध लगाया गया है उसमें रजनीगंधा, विमल, शिखर, पान पराग, दिलरुबा, राजनिवास, सोहरत, मुसाफिर, मधु, बहार, पान पराग प्रीमियम शामिल है.

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पान मसाला के लिए फ़ूड सेफ्टी एक्ट 2006 में दिए गए मानक के मुताबिक मैग्नीशियम कार्बोनेट मिलाया जाना प्रतिबंधित है. जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह प्रतिबंध फिलहाल एक वर्ष के लिए लगाया गया है. इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव सह राज्य के खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ. नितिन कुलकर्णी की ओर से आदेश जारी किया गया है.
झारखंड में तम्बाकू नियंत्रण हेतु राज्य सरकार की तकनीकी सहयोग संस्थान सोसिओ इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलोपमेन्ट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्र ने बताया की पान मसाला पर प्रतिबंध लगाकर राज्य सरकार ने एक साहसिक कदम उठाया है.
उन्होंने बताया कि GATS 2 के सर्वे में झारखंड में तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों का प्रतिशत 38.9% है. जिसमें चबानेवाले तम्बाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 34.5% है, जो राष्ट्रीय औषत से बहुत ज्यादा है. सरकार द्वारा यदि पान मसाला के प्रतिबंध को राज्य में सही ढंग से लागू किया जाएगा तो सूबे में तम्बाकू सेवन करने वालों के प्रतिशत में और कमी आएगी.