गिरीडीह : रबी फसल को लेकर मंगलवार को प्रखंड कृषि अनुसंधान केंद्र में एक दिवसीय प्रखंड स्तरीय रवि कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
बीटीएम इंद्रजीत शेखर ने कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश जिनका आर्थिक रीढ़ कृषि पर आधारित है। इसे बेहतर बनाने के लिए इस तरह के प्रशिक्षण की जरूरत है ताकि किसान पुराने परंपरागत कृषि पद्धति से ऊपर उठकर आधुनिक तरीके से कृषि कार्य करें तथा पैदावार को बढ़ाकर देश की आर्थिक नींव को मजबूत कर सकें। बताया कि खेत में धान की कटाई हार्वेस्टर से होती है उससे जो अवशेष पराली बचता है उसे जलाना नहीं है, इससे उर्वरा शक्ति मिट्टी की कमजोर होती है। किसान उसे खाद के रूप में उपयोग कर सकते हैं। उससे मिट्टी में पोषक तत्व उपलब्ध होगा। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर परिवर्तन के अनुसार खेती करने की किसानों को सलाह दी। प्रखंड सहायक तकनीकी प्रबंधक गणेश इरफान अंसारी ने समूह से संबंधित सभी प्रकार की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कृषि विभाग द्वारा संचालित सभी प्रकार की योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। किसान सलाहकार अध्यक्ष दिनेश सिंह ने किसानों को अधिक खाद का प्रयोग पर किसानों को कम खाद प्रयोग करने की जानकारी दी।
इस अवसर पर सदानन्द राम, सुजीत कुमार, उदय सिंह, प्रकाश तुरी, उमेश महतो, सिंकू कुमारी, कंचन देवी, सुमित्रा देवी, अम्बिका प्रसाद, रामलखन यादव समेत कई लोग उपस्थित थे।