रोक के बावजूद गलत ढंग से रजिस्ट्री किए जाने का आरोप, फरियादी ने की रजिस्ट्री निरस्त करने की मांग

गिरिडीह : निबंधन विभाग में फर्जीवाड़ा चरम पर है। कई भूमाफिया फर्जी डीड के सहारे दूसरे लोगों की जमीन रजिस्ट्री कर दे रहे हैं मामले का संज्ञान अवर निबंधन पदाधिकारी को होने के बावजूद भी इस पर कार्रवाई नहीं हो रही है। जिससे गिरिडीह में फर्जीवाड़ा कर जमीन रजिस्ट्री करने वाले भू-माफियाओं का मनोबल बढ़ता जा रहा है मंगलवार को ऐसे ही एक मामले को लेकर निबंधन कार्यालय के समक्ष खूब हो हंगामा पसरा रहा।

नगर थाना क्षेत्र के शिव मोहल्ला निवासी प्रभात कुमार गुप्ता ने जब अवर निबंधन पदाधिकारी को अपने जमीन का गलत ढंग से रजिस्ट्री कर देने का जानकारी देने पहुंचे तो रजिस्ट्रार ने धमकी भरे लहजे से उसे अपने चेंबर से निकाल दिया। मामले को लेकर प्रभात कुमार गुप्ता ने उपायुक्त गिरिडीह से भी इसकी शिकायत की है।

प्रभात कुमार गुप्ता ने बताया कि उनकी पुश्तैनी जमीन गिरिडीह अंचल के बेलाटांड मौजा के खाता 47 में चुल्हन राम और मंगर राम के नाम से 40 डिसमिल जमीन है। चुल्हन राम और मंगर राम के वंशजों को 20-20 डिसमिल जमीन हिस्से में आती है लेकिन चुल्हन राम के वंशज ने टोटल 40 डिसमिल जमीन का जमाबंदी अपने नाम से करवा कर फर्जी रूप से एलपीसी निर्गत करवा लिया था। जिसके संबंध में उन्होंने गिरिडीह उपायुक्त,अपर समाहर्ता और गिरिडीह अंचलाधिकारी को एक आवेदन दिया था।

जिसके बाद वरीय अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लेते हुए रजिस्ट्री पर रोक लगाने के लिए अवर निबंधन पदाधिकारी को पत्रांक संख्या 822 दिनांक 25 .8. 2022 को चिट्ठी निर्गत की थी। इसके बावजूद भी अवर निबंधन पदाधिकारी ने राजकुमार,भरत राम,शिव कुमार राम के साथ मिलीभगत कर उनकी जमीन का का रजिस्ट्री कर दिया है।

उन्होंने बताया कि उस जमीन को लेकर पूर्व में मारपीट की भी घटना हुई थी। जिसको लेकर मुफस्सिल थाना में कांड संख्या 232/ 2022 दर्ज करवाया गया है। उन्होंने फर्जी रूप से किए गए रजिस्ट्री को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिलता है तो वह सपरिवार आमरण अनशन करेंगे।

इधर मामले को लेकर अवर निबंधन पदाधिकारी सहदेव मेहरा ने कहा कि किसी भी जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाने का अधिकार सिर्फ सिविल न्यायालय को है। इस पर किसी भी अधिकारी का आदेश नहीं चलता है उन्होंने कहा कि उन्होंने सारे दस्तावेजों की जांच कर जमीन की रजिस्ट्री की है