मछली मारने को लेकर दो पक्षों में तनाव, पुलिस ने पहुंच मामला कराया शांत

गिरिडीह : मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के हरसिंगरायडीह के हरिजन टोला में बुधवार को एक तालाब में मछली मारने की बात को लेकर दो पक्षों में तनाव का माहौल हो गया।

सूचना मिलते ही महतोडीह पिकेट प्रभारी एस एन सिंह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को शांत करवाया। वहीं बिना निर्णय के मछली नहीं मारने का आदेश दिया।

बताया जाता है कि यहां एक पक्ष से राय टोला के लोग तालाब पर अपना कब्जा बता रहे हैं। वहीं हरिजन टोला के लोग इसे गैरमजरूआ ज़मीन पर बना आम तालाब बता रहें हैं।

इस बाबत हरिजन टोला के ग्रामीणों का कहना है नावा अहरा के नाम से यह पुराना तालाब है। जिसे सभी इस्तेमाल करते आए हैं। इसमें हमलोगों ने मिलकर मछली डाला था और अब मछली तैयार है तो इसे मार रहे थे। मगर राय टोला के लोग इस पर दावा करते हुए आधा मछली देने की मांग कर रहे हैं। जिसका हमलोग विरोध करते हैं। कहा कि हमलोग मेहनत किये हैं। अगली बार बैठक कर निर्णय के बाद इसमें मछली डाला जाएगा।

इधर राय टोला के लोगों का कहना है कि मिश्री चौधरी से खरीदा हुआ ज़मीन है। 30, 40 वर्षों से उसमें सिंघाड़ा, मछली डालते आए हैं। भिट होजाने के कारण 2 साल नहीं डाला गया। इस बार फिर तैयारी किये थे इस बीच कुछ लोगों को बहकावे में लेकर स्थानीय पार्षद मछली डलवा दिए और वही मरवाने का काम कर रहे हैं। आज मछली निकाला जा रहा था जिसपर हमलोगों ने जाकर मना किया।जिसके बाद स्थानीय प्रशासन आकर इसे रोका है। बताया कि पूर्व में भी इस प्लाट पर दावा किया गया था। जिसके बाद इन्हें डिग्री मिली। उसका भी डॉक्यूमेंट मौजूद है।

इधर इस संदर्भ में पार्षद पप्पू रजक का कहना है कि हरिजन टोला में गैरमजरूआ आम तालाब है। जो खतियान में भी मौजूद है। जिसमें ग्रामीणों ने मछली डाला है। राय टोला के लोग कब्जेदारी बताते हुए आए हैं कि मछली मारने नहीं देंगे। बराबर ये लोग हमलोग पर शोषण करते आए हैं। हमलोग शोषण बर्दाश्त नहीं करेंगे। जो सच्चाई है उसका न्याय होना चाहिए। कहा कि विधायक के समक्ष भी शिकायत की गई है। वो अभी बाहर हैं उनके लौटने पर बैठक कर निर्णय लिया जाएगा।