पारा शिक्षकों ने विधायक आवास के समक्ष किया वादा याद दिलाओ प्रदर्शन

विधायक सुदिव्य कुमार ने दिया सहयोग का भरोसा

गिरिडीह : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा किये गए वादों को अविलंब पूरा करने की मांग को लेकर रविवार को राज्यभर में एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले पारा शिक्षकों ने सत्ताधारी विधायकों के आवास पर वादा याद दिलाओ प्रदर्शन किया। इस कड़ी में गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र के पारा शिक्षकों ने विधायक सुदिव्य कुमार के आवास पर प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की अगुवाई मोर्चा के जिलाध्यक्ष नारायण महतो ने की।
मौके पर विधायक के समक्ष पारा शिक्षकों ने अपनी बात रखते हुए। मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। जिसपर विधायक ने पारा शिक्षकों को उनकी मांग को लेकर सरकार से बात करने का आश्वासन दिया।

इस बाबत एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष नारायण महतो ने कहा कि राज्य भर में 65 हजार पारा शिक्षक सत्रह-अट्ठारह वर्षों से अपने सेवा के स्थायीकरण एवं वेतनमान के निर्मित को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। पूर्व की सरकारों ने आश्वासन के सिवा पारा शिक्षकों को कुछ नहीं दिया। कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा किया था कि उनकी सरकार बनती है तो 3 माह के अंदर पारा शिक्षकों की सेवा स्थाई करने और वेतनमान निर्धारण किया जाएगा। मगर अब तक सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। इसी को लेकर पारा शिक्षक वादा याद दिलाओ प्रदर्शन कर रहे हैं। कहा कि इसके बाद पारा शिक्षक राज्य के मंत्रियों के आवास पर प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद भी अगर उनकी मांगे पूरी नहीं होती है तो मुख्यमंत्री आवास के समक्ष पारा शिक्षक घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम करेंगे।

पारा शिक्षकों के प्रदर्शन के बाबत विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि पारा शिक्षकों ने अपनी तमाम परेशानियों से अवगत कराने का प्रयास किया है जो पिछले सरकार में इन्होंने झेला है। कहा कि राज्य के मुखिया और मेरी यह सोच है कि पारा शिक्षकों के समस्या का निराकरण होना चाहिए। जिलाध्यक्ष नारायण महतो ने शिष्ठमण्डल को मुख्यमंत्री से मिलवाकर बात कराए जाने का आग्रह किया है। वे एक सप्ताह के अंदर मुख्यमंत्री से शिष्ठमण्डल को मिलवाने का काम करेंगे। वहीं पारा शिक्षकों के मुद्दे पर वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर वार्ता करेंगे। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री से आग्रह करूंगा कि नियमावली बनने के पूर्व शिष्ठमण्डल और पदाधिकारियों की एक बैठक हो जाए। ताकि उसमें कोई विसंगतियां हैं तो उसका समाधान हो सके।