एलआईसी के संयुक्त मंच ने मनाया एलआईसी राष्ट्रीयकरण दिवस, की बैठक

गिरिडीह : एलआईसी के संयुक्त मंच जिसमें क्लास वन ऑफिसर्स फेडरेशन, विकास अधिकारी संघ एवं अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ है के आह्वाहन पर बुधवार को भारतीय जीवन बीमा निगम के सभी अधिकारियों, विकास अधिकारियों और कर्मचारियों ने एलआईसी राष्ट्रीयकरण दिवस मनाया। इस अवसर पर भोजन अवकाश के समय गेट मीटिंग रखा गया।

मीटिंग को संबोधित करते हुए बीमा कर्मचारी संघ के सचिव धर्म प्रकाश ने कहा कि 19 जनवरी 1956 को अध्यादेश के माध्यम से तत्कालीन सरकार ने 250 से अधिक देशी- विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण कर भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना की। 1956 से एलआईसी 5 करोड़ की पूंजी से प्रारंभ होकर अभी 38 लाख करोड़ की परिसंपत्ति आयोजित कर लिया । एलआईसी ने वित्तीय वर्ष 2020- 21 तक केंद्र सरकार को 5 करोड़ की पूंजी के एवज में 31616 करोड रुपया का लाभांश दिया। कहा कि अभी केंद्र सरकार के द्वारा इस उत्कृष्ट एवं सुदृढ़ वित्तीय संस्थान एलआईसी का आईपीओ के माध्यम से विनिवेशीकरण करने का निर्णय लिया है। समझना है कि वितीय वर्ष 2020-21 के जीडीपी के 18% के बराबर एलआईसी की संपत्ति है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के टोटल होल्डिंग का 4% एलआईसी के पास है। जो संस्थान तमाम सार्वजनिक एवं निजी प्रतिष्ठानों में निवेश कर रखा है, ऐसे वित्तीय संस्थान का विनिवेशीकरण करना देश हित में नहीं है। इसलिए एलआईसी के तमाम ट्रेड यूनियन आम जनता से अपील करती है कि एलआईसी के आईपीओ के खिलाफ संघर्ष में हमारा साथ दें।

बैठक को पेंशनर एसोसिएशन के मंडलीय उपाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण गुप्ता, बीएसएसआर यूनियन के राज्य कार्यकारिणी सदस्य मृदुल कांति दास, विकास अधिकारी मनोज कुमार ,क्लास वन ऑफिसर्स फेडरेशन के शंकर कुमार आदि ने संबोधित किया। बैठक में संजय शर्मा, संहीता सरकार, विजय कुमार, कुमकुम वाला बर्मा ,अनुराग मुर्मू, डेनियल मरांडी, उमा नाथ झा, रोशन कुमार, विनय कुमार, विजय कुमार, आनंद मोहन झा, मनोज कुमार लाल, रंजीत कुमार सिंह, दिनेश कुमार, श्वेता, दीपक पासवान, अभय कुमार, सुनील कुमार वर्मा, राजेश कुमार, अंजलि, , अंशु कुमारी सिंघानिया , नीरज कुमार सिंह, प्रभास कुमार, कुलदीप कुमार, रवि, विवेक कुमार, प्रज्ञा आनंद, सुकृति बर्मन, पंकज कुमार, प्रवीण हंसदा, देवनाथ दास, प्रदीप कुमार साव, कृष्ण मुरारी सिंह, अनूप कुमार सहित कई अधिकारीयों , कर्मचारियों, अभिकर्ताओं ने भाग लिया।