गावां : राजस्थान के दौसा जिला के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. अर्चना शर्मा की सुसाइड के बाद पूरे देश में डॉक्टरों के अंदर आरोपियों के गिरफ्तारी की मांग को लेकर आक्रोश व्याप्त है। डॉ. अर्चना शर्मा ने राजनीतिक और पुलिसिंग दबाव में आकर ही आत्महत्या करने पर मजबूर हुई है। ऐसा देशभर के डॉक्टरों का आरोप है। बता दें कि डॉ. अर्चना शर्मा झारखंड के गोल्ड मेडलिस्ट है और वह गांधीनगर में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर पद पर कार्यरत थी। वह लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए राजस्थान के दौसा जिला में कार्य कर रही थीं। गत दिनों प्रसव के दौरान अधिक रक्तस्राव होने से एक प्रसूता की मौत हो गई थी। घटना के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था और सड़क को जाम कर दिया था। इसके बाद डॉक्टर अर्चना शर्मा ने डिप्रेशन में आकर सुसाइड कर लिया। इसको लेकर शनिवार को झारखंड में सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद कर कार्य बहिष्कार करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की गई। इसी कड़ी में गावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी चिकित्सकों ने स्वास्थ्यकर्मियों के साथ दो मिनट का मौन रखकर डॉ. अर्चना शर्मा को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर डॉ. काजिम खान ने कहा कि पुलिस के असंवैधानिक कार्रवाई और राजनीतिक दबाव में आकर डॉ अर्चना शर्मा ने सुसाइड की है। मामले में प्रशासन सभी आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करें अन्यथा डॉक्टर संघ चुप नहीं बैठेगी।
मौके पर प्रभात रंजन, पंकज सिंह, प्रवीण कुशवाहा, गंगा राणा, उषा देवी, संगीता देवी, अवध किशोर पांडेय, रविन्द्र हाडी, रंजीत सिंह समेत कई उपस्थित थे।