शिक्षा का नोबल पुरस्कार कहे जाने वाले वाइज़ अवार्ड के 12 फाइनलिस्टों में आईसेक्ट का नाम भी शामिल

हजारीबाग : आईसेक्ट भारत के अर्ध-शहरी और ग्रामीण हिस्सों में समावेशी बदलाव की दिशा में काम कर रहा एक अग्रणी सामाजिक उद्यम है, जिसे 2021 के वाइज अवार्ड के लिए 12 फाइनलिस्टों में जगह मिली है। विजेताओं की घोषणा की संभावित तिथि सितंबर 2021 है। बता दें कि आईसेक्ट को अपने प्रोजेक्ट “एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट एंड स्किलिंग इनिशिएटिव फॉर द अंडरप्रिविलेज्ड वीमन” के लिए फाइनलिस्ट के तौर पर चुना गया है। इस प्रोजेक्ट को इसके समावेशी दृष्टिकोण के कारण नामित किया गया जिससे वंचित महिलाओं के लिए कौशल विकास के साथ-साथ उद्यमिता विकास और रोजगार के अवसर सृजन करने की पहल की गई। इसके तहत 4 लाख से अधिक महिला लाभार्थियों को रोजगार से जुड़े कौशल विकास प्रशिक्षण के साथ-साथ 2 हजार महिला लाभार्थियों को उद्यमिता विकास के माध्यम से और भारत के आदिवासी, ग्रामीण व अर्ध-शहरी हिस्सों में अपना व्यवसाय स्थापित करने में मदद करके लाभान्वित किया गया है।

*क्या कहते हैं कुलसचिव*
आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद बताते हैं कि आईसेक्ट द्वारा अपनी सर्व-समावेशी परियोजना के माध्यम से महिलाओं को स्वतंत्र बनाने के लिए परियोजना में दो आयामी दृष्टिकोण अपनाया गया है। आईसेक्ट द्वारा वित्तीय स्वतंत्रता के उद्देश्य से बेहतर आजीविका विकल्प सुनिश्चित करने, विशेष रूप से व्यवसायों में युवतियों के लिए प्लेसमेंट से जुड़े कौशल के माध्यम से व्यावसायिक शिक्षा प्रदान किया जा रहा है। यह सेवा क्षेत्र में मल्टीपर्पज सेंटर स्थापित करने में मदद करके वंचित महिलाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देता है और जब तक वे आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होते, तब तक उन्हें लगातार सहायता उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने बताया कि आईसेक्ट मॉडल द्वारा भारत के 400 जिलों में 4 लाख से अधिक युवतियों को प्रशिक्षित किया गया है।
बताते चलें कि आईसेक्ट के 29 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के 475 जिलों, 1500 ब्लॉक और 7200 पंचायतों में 20,000 से अधिक केंद्र हैं।

आईसेक्ट ने 20 लाख से अधिक लोगों को कौशल-आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया है, 75,000 से अधिक लोगों के लिए आईसेक्ट नेटवर्क के भीतर रोजगार सृजित किया है और विभिन्न नवीन उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से 50 लाख लोगों को सशक्त बनाया है।