झारखंड में दिसबंर में हो सकते हैं पंचायत चुनाव, 6 महीने के लिए फिर बढ़ेगा कार्यकाल

झारखंड में एक बार फिर त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा। कोरोना की वजह से पंचायतों का कार्यकाल 15 जनवरी तक बढ़ाया जाएगा। इनकी अवधि दूसरी बार छह महीने तक के लिए बढ़ना तय हो गया है। राज्य मंत्रिपरिषद की मंजूरी की आशा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पर सहमति दे दी है। इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया है।

राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों की अवधि का विस्तार अगले छह महीने के लिए बढ़ जाएगा। झारखंड पंचायती राज्य अधिनियम में हुए संशोधन पर बाद में राज्य मंत्रिपरिषद से सहमति ली जाएगी। पहली बार कार्यकाल में हुए छह महीने के विस्तार के बाद 15 जुलाई को पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।

ज्ञात हो कि पिछला ग्राम पंचायत चुनाव 2015 में हुआ था। प्रावधान के तहत पहली बैठक के बाद पांच साल की अवधि का कार्यकाल 15 जनवरी को पूरी हो गई। इस दौरान कोरोना काल के कारण चुनाव संपन्न नहीं कराया जा सका।

राज्य सरकार ने मुखियों को ग्राम-प्रधान का पदनाम देकर 15 जुलाई तक छह महीने का कार्यकाल बढ़ा दिया। कोरोना की दूसरी लहर आने के कारण कार्यकाल विस्तार की अवधि में भी चुनाव संपन्न नहीं कराया जा सका। इसलिए कार्यकाल का विस्तार दूसरी बार छह महीने के लिए बढ़ाने की नौबत आई है।

प्रशासक नियुक्त होंगे या वर्तमान समिति को विस्तार 
अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी के बाद राज्य सरकार यह तय करेगी कि ग्राम पंचायत, पंचायत समितियों और जिला परिषदों में पहले कार्यकाल विस्तार के दौरान बनाई गई समिति ही काम करती रहेगी या राज्य सरकार तीनों ही स्तर के पंचायती राज निकायों में प्रशासक नियुक्त कर नई समिति बनाएगी।