ख़बर का असर : चुआं खोदकर प्यास बुझा रहे मुखबली गांव के लोगों को जल्द मिलेगा पेयजल की समस्या से निजात

पीएचइडी विभाग ने करवाया बोरिंग

तिसरी : लगभग पांच महीनों से नदी में चुंआ खोदकर अपनी प्यास बुझा रहे मुखबली गांव के लोगों को जल्द ही इस समस्या से निजात मिलने का आसार दिख रहा है। ग्रामीणों की इस समस्या को प्रमुखता से उठाने के बाद पीएचइडी विभाग द्वारा उक्त गांव में बोरिंग करवा दिया गया है।

 

गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड अंतर्गत थानसिंहडीह पंचायत के मुखबली गांव के लोग पेयजल की किल्लत से जूझ रहे थे। वहां के आदिवासी टोला के ग्रामीण बीते मार्च महीने से ही पानी की एक – एक बूंद के लिए तरस रहे थे। मजबूरन सुखी हुई नदी में चुंआ खोदकर यहां के लोग अपनी प्यास बुझाते थे। ग्रामीणों की इस समस्या को बीते 22 जून को समृद्ध सामाचार ने प्रमुखता से प्रसारित किया था। जिसके बाद पीएचइडी विभाग द्वारा वहां डीप बोरिंग करवाया गया है।

 

हालांकि विभाग के जेई ने पहले उक्त गांव में तत्काल बोरिंग करने की सहमति नहीं जताई थी। उन्होंने बताया था कि वहां सेकेंड फेज़ में कार्य किया जाना है, लेकिन समस्या को गंभीरता से लिया गया और पदाधिकारियों के सहयोग से मुखबली गांव के आदिवासी टोला में डीप बोरिंग करवाया गया है। जेई ने बताया कि जल्द ही स्ट्रक्चर बनाकर पेयजलापूर्ति बहाल की जाएगी। फ़िलहाल बोरिंग होने से ग्रामीणों में हर्ष व्याप्त है।