अवैध खनन के दौरान धंसा चाल, 2 महिलाओं की मौत, एक घायल

मामले को दबाने का प्रयास, बाइक से शव लेकर भाग रहे थे धंधेबाज

गिरिडीह : जिले के गावां में एक बार फिर अवैध माइका खदान में चाल के धंसने से 2 महिलाओं की मौत हो गई।जबकि एक महिला गंभीर रूप से घायल है। घटना में अन्य 4 से 5 महिलाओं के मामूली रूप से चोटिल होने की सूचना है। घटना परसोनी स्थित अवैध माइका खदान की बताई जा रही है।

मृतक महिलाएं संजय रविदास की 30 वर्षीय पत्नी फुलवा देवी और बिरने निवासी सुखदेव रविदास की पत्नी टुनी देवी थी। दोनों रिश्ते में ननद भाभी थी। जबकि गंभीर रूप से घायल महिला परसोनी निवासी मनोज रविदास की पत्नी गीता देवी है।

 

कैसे हुई घटना

मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को अवैध खदान संचालक के द्वारा लगभग एक दर्जन महिलाओं को माइका चुनने के लिए खदान में उतारा गया था। इसी दौरान अपने रिश्तेदार के यहां गई मृतका ननद भाभी भी आसपास के लोगों के साथ माइका चुनने खदान गई थी। इसी दौरान चाल धंस गया और फुलवा देवी और टुनी देवी की मौत मौके पर ही दब कर हो गई। वहीं गीता देवी का कमर टूट गया। जबकि अन्य लगभग आधा दर्जन की संख्या में महिलाएं चोटिल हो गई।

 

शव को ठिकाने लगाने की थी योजना

घटना के बाद धंधेबाज मामले को दबाने में जुट गए। किसी तरह से धंसे चाल से महिलाओं के शव को निकाला गया और जंगल में छिपाकर रख दिया गया। इसी बीच किसी ने एसपी को घटना की जानकारी दे दी। जानकारी होते ही एसपी ने थाना प्रभारी को जांच के आदेश दे दिए। वहीं धंधेबाज अपने आदमियों के द्वारा रात में बाइक पर शव को लोड कर ठिकाने लगाने भेजा था। इस दौरान गश्ती वाहन को देख कर शव ले जा रहे लोग इधर उधर भागने लगे। पुलिस ने जब पीछा किया तो बाइक समेत शव को छोड़ धंधेबाज भाग खड़े हुए। इसके बाद पुलिस ने दोनों शव को कब्जे में ले लिया। वहीं शनिवार की सुबह पोस्टमॉर्टम के लिए दोनों शव को गिरिडीह सदर अस्पताल भेज दिया गया।

कुछ दिन पूर्व दबा था बच्चा

बता दें कि कुछ दिन पूर्व ही अवैध खदान में दबकर एक बच्चे की भी मौत हुई थी। धंधेबाजों ने उस घटना को भी छुपाने का प्रयास किया था, लेकिन फोटो वायरल हो जाने के बाद पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही थी।

 

कार्रवाई के बाद भी फिर शुरू हो जाता है अवैध खदान

बता दें कि गावां के धरवे, नावाडीह और परसोनी में अवैध माइका खदान से धंधेबाजों द्वारा बड़े पैमाने पर यहां महिलाओं और बच्चों को चंद रुपयों का लालच देकर माइका चुनवाकर मोटी चांदी काटी जाती है। इसके रोकथाम के लिए समय समय पर स्थानीय थाना पुलिस और वन विभाग छापेमारी भी करता है। मगर इसके बावजूद धंधेबाजों का मनोबल इस कदर बढ़ा हुआ है कि कार्रवाई के कुछ दिन बाद ही पुनः धड़ल्ले से काम शुरू हो जाता है। ऐसे में आखिर किसके संरक्षण में धंधे का संचालन होता है यह एक बड़ा सवाल है।

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