बिहार में 2016-17 से शराबबंदी लागू है. यह सर्वविदित है कि शराब का सेवन, खरीद-फरोख्त और भंडारण कानूनन अपराध है. फिर भी, राज्य में शराब की उपलब्धता आम बात है. हालांकि यह धंधा गुप्त रूप से चल रहा है, विपक्ष का दावा कि शराब नज़र नहीं आती लेकिन हर जगह मिल जाती है, पूरी तरह सच साबित होता है.यहीं नहीं जहरीली शराब पीने से आए दिन मौत की खबर भी सुर्खियां बनतीं हैं.पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां जहरीली शराब पीने से बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है.
ताजा मामला सीवान और सारण का है.बिहार के सीवान और छपरा जिले के 16 गांवों में जहरीली शराब पीने से 27 लोगों की मौत हो गई है. इस घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है. मृतकों में 23 लोग सीवान जिले से हैं, जबकि 4 सारण जिले से भी हैं. यह घटना तब हुई जब स्थानीय बाजार में बिक रही स्प्रिट से बनी शराब का सेवन किया गया
शहरीली शराबह पीने से बीमार 49 अन्य लोग विभिन्न अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं. इनमें से 7 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है, जिससे उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है सीवान सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों में से कुछ को पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रेफर किया गया है.सीवान में 17 लोगों का पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है.