गावां : देश की सबसे बड़ी आबादी और देश की प्राण गांवों में बसती है। क्योंकि गांव में ही देश के पालनहार किसान और मजदूर भी निवास करते हैं। जिनके बलबूते आज देश क्षितीज को छूने को लालायित है। देश में एक बार फिर कोरोना संकट मुसीबत का पहाड़ बनकर टूट पड़ी है। लोग त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे हैं। वहीं दूसरे और नामी गिरामी बड़े बड़े एमबीबीएस डॉक्टर अपने अपने क्लीनिक बंद करके भाग गए है। यदि किन्ही व्यक्ति को सर्दी, खांसी, बुखार, मलेरिया भी हो जाता है तो उन्हें कोरोना का ख़ौफ हो जाता है। इस स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के समय में लोग इलाज करवाने के लिए जाए तो कहां जाए। सभी नामचीन एमबीबीएस डॉक्टर अपने क्लीनिक को बंद कर कोविड के ख़ौफ़ से छुपे हुए है।
उक्त बातें ग्रामीण चिकित्सक संघ जिला प्रभारी जीशान खान ने कहा कि इस समय में कोरोना लोगों पर पहाड़ बन कर टूट पड़ा है। ऐसी स्थिति में ग्रामीण चिकित्सक जिसे सरकार और सरकार के अफसर झोलाछाप का नाम देते हैं वहीं आज झोलाछाप ग्रामीण क्षेत्र में तारणहार बन कर खड़े है। अभी कोरोना काल में उन्हें असली कोरोना का दर्जा मिलना चाहिए। क्योंकि अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की सेवा में जुटे है। और लोगों को ठीक करके घर भेज रहे हैं। कहा कि सरकार को चाहिए की शहर में मरीजो से फीस के नाम पर मोटी रकम वसूलने वाले बड़े बड़े डिग्रीधारी डॉक्टरों पर कानूनी कार्रवाई करते हुए उनकी लाइसेंस रद्द करना चाहिए और इस कोरोना काल में सेवा दे रहे ग्रामीण चिकित्सको को विषेश तरह का प्रशिक्षन देकर इनके मनोबल को बढ़ाना चाहिए।