न्यायिक पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं सहित विद्यार्थियों एवं आमलोगों ने लिया हिस्सा
गिरिडीह : नालसा, नई दिल्ली एवं झालसा, रांची के निर्देशानुसार दिनांक 2 अक्टूबर से 14 नवंबर तक भारत के सभी सुदूरवर्ती गांवों कस्बों में पैन इंडिया अवेयरनेस एवं आउटरीच कार्यक्रम के तहत आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में चलाए जा रहे कार्यक्रम का समापन दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह की ओर से रविवार की सुबह व्यवहार न्यायालय परिसर, गिरिडीह से गिरिडीह शहर के विभिन्न चौक चौराहों से होते हुए प्रभात फेरी सह पद यात्रा निकाला गया।
प्रभात फेरी में प्रभारी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश – सह- जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के अध्यक्ष गोपाल पांडेय, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी गिरिडीह मिथिलेश कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी गिरिडीह अशोक कुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के सचिव संदीप कुमार बर्तम, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी दर्शना, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम सीमा कुमारी मिंज, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रुति सोरेन, न्यायिक दंडाधिकारी, प्रथम अमीकर परवार, सहित जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव चुन्नू कांत, पैनल अधिवक्ता अंजनी कुमार सिन्हा, विपिन कुमार यादव, विमल कुमार यादव समेत प्रभात फेरी में प्लस टू उच्च विद्यालय, गिरिडीह के शिक्षक एवं छात्रगण तथा रानी लक्ष्मी बाई बालिका मध्य विद्यालय, गिरिडीह की शिक्षिकाएं एवं छात्राएं सहित पैनल अधिवक्तागण, जिला अधिवक्ता संघ के सदस्यगण, न्यायिक कर्मचारियों, पारा लीगल वालंटियर्स एवं आम लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभारी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश गोपाल पांडेय ने कहा कि इस संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि नालसा, नई दिल्ली एवं झालसा, रांची के निर्देश पर पूरे 45 दिनों तक यह कार्यक्रम गिरिडीह जिले के सभी गांव में आयोजित किया गया।14 नबम्बर को बाल दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का समापन विभिन्न कार्यक्रमों को करते हुए किया जाना है, इसी कड़ी में आम लोगों को लाभ जागरूक करने के उद्देश्य से सुबह-सुबह सभी न्यायिक पदाधिकारियों, विद्वान अधिवक्ताओं पैनल अधिवक्ताओं न्यायपालिका से जुड़े हुए कर्मचारियों विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छात्र छात्राओं के साथ आम जनों को जागरूक करते हुए प्रभातफेरी का आयोजन किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह है कि भारत का प्रत्येक नागरिक चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, संप्रदाय, लिंग अथवा क्षेत्र का हो वह जानकारी के अभाव में न्याय पाने से वंचित नहीं रहे। भारत दुनिया में अव्वल राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा होने की दिशा में अग्रसर है और इसमें सभी लोगों की सहभागिता सुनिश्चित हो सके इसी उद्देश्य को लेकर नालसा एवं झालसा के निर्देश पर यह कार्यक्रम पूरे भारतवर्ष के सभी गांव में आयोजित किया गया है।