तिसरी अंचल कार्यालय से निकला कृषि फॉर्म की जमीन मापी का आदेश

समाजसेवी राजकुमार शर्मा ने उच्च न्यायालय में किया है जनहित याचिका दायर

24.46 एकड़ में फैले कृषि फॉर्म के जमीन अतिक्रमण का मामला

 

तिसरी : प्रखंड के समाजसेवी सह आरटीआई एक्टिविटीस राजकुमार शर्मा की मेहनत लगभग एक वर्ष के बाद रंग लाई है। कृषि फॉर्म की जमीन अतिक्रमण मामले में उनके द्वारा लम्बे समय से मापी करने की मांग को अब मान लिया गया है। शनिवार को तिसरी के अंचल अधिकारी के कार्यालय से कृषि फॉर्म की उक्त जमीन की मापी करने का आदेश निकाला गया है।बताते चलें कि जमुनियाटांड निवासी समाजसेवी राजकुमार शर्मा द्वारा लम्बे समय से प्रखंड मुख्यालय स्थित बीज गुणन प्रक्षेत्र ( कृषि फॉर्म ) की जमीन की मापी करवाने की मांग की जा रही थी। इस मामले को उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी समेत अन्य पदाधिकारियों के भी समक्ष रखा था। तत्कालीन पदाधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने पर राजकुमार शर्मा ने 24 अप्रैल 2023 को तिसरी के प्रखंड सह अंचल कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल भी किया था। हालांकि भूख हड़ताल के बाद तत्कालीन अंचलाधिकारी ने उक्त जमीन की मापी करवाने की हामी भरी थी और लिखित आश्वासन भी दिया था। जिसके बाद उनका भूख हडताल उसी दिन शाम को समाप्त हो गया था।बावजूद इसके लम्बे समय तक कृषि फॉर्म की जमीन की मापी नहीं की गई।

 

इसको लेकर उन्होंने विभागीय पदाधिकारियों से पत्राचार भी किया था जिसपर जिला कृषि पदाधिकारी ने उक्त जमीन की मापी कर अतिक्रमणमुक्त कराकर सीमांकन करने का भी निर्देश दिया था बावजूद जमीन की मापी नहीं हुई, लेकिन उन्होंने हार नहीं माना, अंततः राजकुमार शर्मा थक – हारकर न्यायालय की शरण में पहुंचे और झरखंड के उच्च न्यायालय में उन्होंने इसके खिलाफ जनहित याचिका दायर कर दी। उच्च न्यायालय ने राजकुमार शर्मा के द्वारा किए गए अपील को मंजूरी दे दी और पीआईएल नंबर 5923 के तहत इस मामले में मुकदमा दायर हो गया।जिसके बाद 22 जून को अंचल कार्यालय द्वारा उक्त सरकारी जमीन की मापी हेतु पत्रांक निकाला गया।

 

बताया जाता है कि प्रखंड मुख्यालय स्थित सरकारी कृषि फॉर्म की जमीन 24.46 एकड़ में फैला हुआ है। पूर्व में जिसकी चाहरदीवारी भी की गई थी लेकिन अब एक ही ओर की बॉउंड्री बची है बाकि के घेरे गए दिवार ध्वस्त हो चुके हैं। जिसके बाद सरकारी अमीन को इसकी मापी का जिम्मा सौंपा गया है साथ ही 2 जून तक इसका मापी प्रतिवेदन सहित पूर्ण विवरण उपलब्ध कराने की बात कही गई है।

 

Report : Chandan Bharti