गिरिडीह : बरमसिया श्मशान घाट के बजाए सिहोडीह श्मशान घाट में कोविड मृतकों के शवदाह करने के प्रशासन के निर्णय की बात सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आते ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों तथा लोगों ने कड़ा विरोध कर इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है।
सिहोडीह वार्ड नंबर 11 के वार्ड पार्षद अशोक कुमार राम, माले नेता राजेश कुमार यादव एवं राजेश सिन्हा, पूर्व जिप सदस्य प्रमिला मेहरा, पूर्व मुखिया संदीप शर्मा, प्रमोद स्वर्णकार, टेकलाल यादव, जीतू यादव, मनदीप शर्मा, पवन कुमार, अर्जुन राय, शुशील शर्मा, ढालो दास, किसुन यादव, रोहित शर्मा, लखन चौधरी, शशिभूषण शर्मा, छोटी यादव, चुनमुन राम, दरसू यादव, मंटू यादव, दीपक पाण्डेय, रंजीत ठाकुर आदि ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सिहोडीह का श्मशान घाट बहुत ही छोटा है जिसमें सिहोडीह, सिरसिया, गादी, पतारी इलाके के 25-30 मुहल्ले के बड़े इलाके के मृतकों का शव जलाया जाता है। श्मशान घाट से ठीक सटा हुआ एक स्कूल और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी है। अलावे सटा हुआ सिहोडीह की बड़ी आबादी का क्षेत्र भी है जो कहीं से भी कोविड शवों को जलाने की स्थिति में सुरक्षित नहीं रहेगा।
विरोध करने वालों ने एकमत से कहा कि इस तरह का कोई भी निर्णय लेने से पहले स्थानीय लोगों की सहमति होनी जरूरी है। लोगों को इस बारे में कुछ भी पता नहीं और अचानक से इस निर्णय की बात सामने आई है। हम किसी भी कीमत पर यहां कोविड मरीजों को जलाने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। हम कोविड से मरने वाले लोगों का भी पूरा सम्मान करते हैं लेकिन क्योंकि यह स्थानीय लोगों की सुरक्षा के ख्याल से बिल्कुल गलत होगा, इसलिए सिहोडीह श्मशान घाट में इन शवों को जलाने के बजाय इसकी वैकल्पिक व्यवस्था की जानी जरूरी है।
जिला प्रशासन से एक स्वर में इसकी वैकल्पिक व्यवस्था के तहत बरमसिया समेत अन्य श्मशान घाटों में भी विद्युत शवदाह गृह एवं उच्च चिमनी युक्त शमशान शेड स्थापित करने तथा फिलहाल शहर से दूर किसी निर्जन इलाके में इसकी तात्कालिक व्यवस्था करने की मांग की है।