माले ने स्वाति फैक्ट्री गेट के समक्ष किया प्रदर्शन, घायल मजदूर के इलाज और परिवार के भरण-पोषण की व्यवस्था की, कि मांग

प्रदर्शन के बाद फैक्ट्री प्रबंधन ने की वार्ता

गिरिडीह : ओद्योगिक क्षेत्र के मोहनपुर स्थित स्वाति फैक्ट्री में घायल मजदूर चिहुंटिया (गांडेय) निवासी बबलू पांडेय की इलाज में कंपनी द्वारा लापरवाही बरतने के खिलाफ गुरूवार को भाकपा माले एवं एआइसीसीटीयू की ओर से फैक्ट्री गेट के समक्ष प्रदर्शन किया गया. इस दौरान घायल मजदूर बबलू के समुचित इलाज तथा परिवार के भरण पोषण की व्यवस्था करने की मांग की गई.

बताया गया था कि पिछले 19 अक्टूबर को मजदूर बबलू पांडेय गंभीर रूप से घायल हो गया था. आनन-फानन में उसे इलाज के लिए गिरिडीह सदर अस्पताल लाया गया. इसके बाद बेहतर इलाज के लिए उसे धनबाद रेफर कर दिया गया. धनबाद में एक बार फैक्ट्री के प्रतिनिधि गये और कुछ रूपये देकर वापस लौट आये, लेकिन घायल के इलाज में काफी खर्च है.

इस मसले को लेकर माले नेता सह एआईसीसीटीयू के राष्ट्रीय पार्षद राजेश कुमार यादव तथा माले के गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा की अगुवाई में पीड़ित परिवार एवं गांव के लोगों को लेकर इस सवाल पर पहले तो फैक्ट्री गेट पर जाकर प्रबंधन से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन फैक्ट्री की ओर से टालमटोल करने के रवैए को देखते हुए गेट के समक्ष ही प्रदर्शन तथा नारेबाजी शुरू कर दी गई. करीब आधे घंटे के प्रदर्शन के बाद प्रबंधन के लोगों ने बाहर निकल कर वार्ता की पेशकश की. जिसके बाद पीड़ित परिवार तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को वार्ता के लिए भेजा गया.

वार्ता के क्रम में फैक्ट्री प्रबंधन के द्वारा प्रदर्शनकारियों की सभी मांगे मान ली गई. इसके अनुसार धनबाद में इलाजरत मजदूर बबलू पांडे के इलाज को लेकर सारा खर्च तथा इस बीच उसके परिवार के भरण-पोषण तथा उसके दिव्यांग हो जाने की स्थिति में भी उसकी सारी जिम्मेदारी उठाने को प्रबंधन तैयार हो गया.

वार्ता से संतुष्ट होने के बाद इस चेतावनी के साथ आंदोलन को स्थगित किया गया कि, यदि वार्ता के अनुसार फैक्ट्री प्रबंधन ने उस पर अमल करने में कोई भी कोताही बरती तो सैकड़ों लोगों को लेकर पुनः आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा.

आंदोलन में घायल बबलू पांडे की पत्नी बबनी देवी, स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि विनोद राम, सनातन साहू, मुन्ना साहू, मजबुल अंसारी, बासदेव पंडित, रामबृक्ष तुरी, दीपू राम, बोधी पंडित, अशोक विश्वकर्मा, हीरालाल पंडित, विदेशी चक्रवर्ती, श्यामलाल तुरी आदि मौजूद थे.