आओ अब हम स्कूल चलें, फाउंडेशन द्वारा सुदूरवर्ती गांवों में बच्चों को विद्यालय से जोड़ने की पहल प्रारंभ

गावां : कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों का हुआ है, पिछले 15 महीनों से स्कूलों में ताले लटक रहे हैं, सरकार चाह कर भी विद्यालय नहीं खोल पा रही है क्योकि तिसरी लहर से बच्चों को हर हाल में रोकना है। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के बाल मित्र ग्राम कार्यकर्ताओं द्वारा माह अप्रैल में डोर टू डोर अभियान चलाकर पहली कक्षा में नामांकन हेतु कुल 376 बच्चों की सूची तैयार की गई थी। मगर लॉकडाउन की वजह से नामांकन पर चंद्रग्रहण सा लग गया।

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के सहायक परियोजना पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि अप्रैल माह में बाल मित्र ग्राम कार्यकर्ताओं ने डोर टू डोर दो सप्ताह का अभियान चलाकर पहली क्लास में नामांकन हेतु कुल 422 ऐसे बच्चों को चिन्हित किया गया था जिनकी उम्र 6 साल पूरी हो चुकी थी, मगर कोविड की वजह से बच्चों का दाखिला नहीं हो सका।
पिछले तीन दिनों से पूर्व में चिन्हित किये गए बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलवाने का काम जारी है। गुरुवार को उसी क्रम में सेरुआ पंचायत के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में 11 बच्चों का पहली क्लास में नामांकन करवाया गया। पिछले तीन दिनों के दौरान 65 बच्चों का नामांकन करवाया जा चुका है।
नामांकन अभियान में शिक्षा विभाग के लोग, स्कूल के सचिव, समूह के लोग,पंचायत के जनप्रतिनिधि और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के बाल मित्र ग्राम कार्यकर्ता उदय राय, कृष्णा पासवान, मो.आरिफ अंसारी,विक्कू कुमार, विरेंद्र यादव, सुरेन्द्र सिंह, शिवशक्ति कुमार,श्रीराम कुमार,अनिल कुमार,राजेश शर्मा, अमित कुमार,भीम चौधरी, वेंकटेश कुमार,सतीश कुमार समेत कई उपस्थित थे।