गावां : गावां वन प्रक्षेत्र के विभिन्न जंगलों में इन दिनों लकड़ी की कटाई जोरों पर है। और लॉकडाउन लगने की वजह से इस पर ना तो गावां वन क्षेत्र के अधिकारी ध्यान दे पा रहे हैं और नाही प्रशासन जिससे लकड़ी माफियाओं को पेढ़ काटना और उसे आरा मिल में चिरवानाआसान हो गया है।
बता दें कि वन विभाग द्वारा दी गई इस ढिलाई के कारण गावां प्रखंड के गावां व माल्डा में आरा मिलों का संचालन पुनः हो गया है।
बताते चलें कि गावां में कुल 2 आरा मिल व माल्डा में 1 आरा मिल अवैध रूप से संचालित हैं। और प्रतिदिन ट्रैक्टर व पिक अप वाहन के माध्यम से गावां व आस पास के जंगलों से पेड़ो को काट कर लाया जा रहा है। इनमे से अधिकांश लकड़ी सखुआ व अन्य किमती प्रकार के पेड़ों की होती है, जिसकी मोटी तनाएं को आरा मिल में चिरवा कर कर फर्नीचर आदि का सामान बनाने के प्रयोग में लाया जाता है।
मिली जानकारी के अनुसार अब तक गावां के जंगलों में हजारों से अधिक पेड़ो की कटाई की जा चुकी है जिससे जंगलों के अस्तित्व पर ही नहीं बल्कि पर्यावरण पर भी खतरा मंडराने लगा है।
इस संबंध में जब गावां वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि आरा मिल के संचालकों को कई बार चेतावनी दिया गया है और बहुतों पर कार्यवाही की गई है, जिससे अब तक आरा मिल बंद थे। अब आरा मिलों के पुनः संचालन की बात सामने आ रही है जिसके लिए वे जल्द ही कार्रवाई करेंगे।