पारसनाथ को आदिवासियों की तीर्थस्थल घोषित करने समेत अन्य मांग को लेकर प्रदर्शन, आंदोलन पर आदिवासी सेंगल अभियान के कार्यकर्त्ता

डुमरी : आदिवासी सेंगल अभियान के बैनर तले शनिवार को गिरिडीह में भी आदिवासी समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया. अभियान के तहत आदिवासी समाज के लोग पारसनाथ रेलवे स्टेशन के पास रेल पटरी पर पहुंचे और प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान लोगों ने जमकर नारेबाजी की. मौके पर अगुवायों ने कहा कि पारसनाथ आदिवासी समाज के लिए मरांग बुरु है. लेकिन सरकार ने इसे जैनियों को सौंप दिया है. सरकार के इस निर्णय के खिलाफ अभियान के नेता सालखन मुर्मू ने आंदोलन शुरू किया है. आंदोलन के तहत शनिवार को झारखंड, बिहार, बंगाल, ओडिशा और असम में रेल रोको आंदोलन किया गया.

 

मौके पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आदिवासी नेता आनंद टुडू ने कहा कि मरांग बुरु में सदियों से आदिवासी समाज यहां पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. आदिवासियों के रग रग में पारसनाथ बसा हुआ है. इसके साथ ही आदिवासी समाज सरना कोड की मांग व अन्य मांगों को लेकर भी यह आंदोलन किया जा रहा है और सरकार इस ओर ध्यान नहीं देगी तो आगे भी यह आंदोलन जारी रहेगा.

इधर प्रदर्शन के मद्देनज़र स्थानीय व रेल पुलिस प्रशासन अलर्ट पर रही. आंदोलन को देखते हुए जगह जगह दंडाधिकारी और जवानों की तैनाती की गयी थी. प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखते हुए डुमरी एसडीपीओ मनोज कुमार, डीएसपी मो साजिद, पुलिस इंस्पेक्टर रत्नेश मोहन ठाकुर, नवीन कुमार पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बात की. मौके पर आश्वासन के कारण यहां ट्रेक जाम नहीं किया गया.

 

प्रदर्शन में आदिवासी सेंगेल अभियान के बोकारो जोन के जोनल संयोजक आनंद टूडू, झारखंड प्रदेश संयोजक करमचंद हांसदा, मांझी परगना मडवा अध्यक्ष झारखंड प्रदेश चंद्रमोहन मरांडी, डुमरी प्रखंड के मुख्य संयोजक अनिल हांसदा, डुमरी प्रखंड अध्यक्ष मोतीलाल मुर्मू, डुमरी प्रखंड संयोजक सुमित्रा, बृजेश, महिला मोर्चा अध्यक्ष चकरी पंचायत कौशल्या टुडू, नावाडीह प्रखंड कोऑर्डिनेटर जागेश्वर मुर्मू, नावाडीह प्रखंड संयोजक गणेश मरांडी, नावाडीह प्रखंड युवा छात्र मोर्चा अध्यक्ष हरि नारायण मुर्मू समेत काफी संख्या में आदिवासी समाज के महिला पुरुष उपस्थित थे.