गिरिडीह : वाम आंदोलन के चर्चित चेहरा और किसान-मजदूरों की बुलंद आवाज रहे पूर्व विधायक ओमीलाल आजाद का निधन हो गया। वे 1985 में सीपीआई के टिकट पर गिरिडीह से विधायक चुने गए थे। गिरिडीह में ‘कामरेड ओमी दा’ के नाम से मशहूर रहे ओमीलाल आजाद ने लंबा राजनीतिक जीवन मजदूर-किसान आंदोलन को समर्पित किया। मिली जानकारी के अनुसार वे बीमार थे और उनका निधन टाटा में अपनी बेटी के घर हुआ। कल उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
ओमीलाल आजाद के निधन पर भाकपा माले ने गहरा शोक जताया है। माले के पूर्व विधायक विनोद सिंह और पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि वे गिरिडीह, जमुआ, बगोदर सहित आसपास के क्षेत्रों में दबे-कुचले लोगों की आवाज थे। उनकी गर्जना आज भी लोगों के जेहन में गूंजती है। भाकपा माले गिरिडीह
जिला सचिव अशोक पासवान ने कहा कि लाल झंडा के पुराने साथी ओमीलाल आजाद अब हमारे बीच नहीं रहे, यह वामपंथी आंदोलन के लिए अपूरणीय क्षति है। वहीं माले नेता राजेश सिन्हा ने कहा कि जब उन्होंने राजनीति की शुरुआत की थी, तब ओमी दा से मिलने और उन्हें सुनने का मौका मिला। उनकी आवाज आखिरी समय तक बुलंद रही।
जिला कमिटी के पूरण महतो, परमेश्वर महतो, सीताराम सिंह, रामेश्वर चौधरी, जयंती चौधरी, मीना दास, पवन महतो, कन्हाई पांडे, कयूम अंसारी, विजय सिंह, मनूवर हसन बंटी, रामलाल मुर्मू, शंकर पांडेय, प्रीति भास्कर, मेहताब अली मिर्जा, बोला मंडल, रामू बैठा, मुन्ना राणा, विजय पांडेय, मुन्ना मिस्त्री, कौशल्या देवी समेत दर्जनों नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि गिरिडीह में लाल झंडा की आवाज को बुलंद करने वाले नेता को जनता कभी नहीं भूल सकती। उनके निधन से गिरिडीह समेत पूरे वामपंथी समाज में शोक की लहर है।