गिरिडीह : गिरिडीह की उसरी नदी को बचाने के लिए लंबे बरसों से आंदोलन चलाया जा रहा है। समाज के कई गण्यमान्य लोग इस अभियान से जुड़कर दम तोड़ती उसरी नदी को फिर से पूर्ण जीवित करने के अपने अभियान में दिन-रात लगे हुए हैं। लेकिन उसरी नदी की दुर्दशा दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। नदी का जो हालात है,उससे साफ जाहिर होता है कि आने वाले कुछ वर्षों में उसरी नदी गिरिडीह से विलुप्त हो जाएगी।उसरी नदी को बचाने के लिए शहर के प्रत्येक नागरिक को इस आंदोलन से जोड़ने के लिए उसरी नदी बचाव अभियान समिति के लोग लगे हुए हैं। रविवार को शहर के शीतलपुर घाट पर एक बैठक कर स्थानीय लोगों को इस अभियान से जोड़ा गया।
समिति के लोगों ने शीतलपुर घाट में 21 लोगों की एक कमेटी गठित कर स्थानीय लोगों को उसरी नदी संरक्षित करने की जिम्मेदारी सौंपी। बैठक में हिस्सा ले रहे अभियान से जुड़े लोगों ने कहा कि शीतलपुर में स्मिथ फार्मा द्वारा नदी का अतिक्रमण और कारखाने का पानी डायरेक्ट उसरी नदी में डाला जा रहा है। जिससे नदी में प्रदूषण बढ़ रहा है उन्होंने स्थानीय लोगों से इस पर निगरानी रखने की बात कही। साथ ही समिति के लोगों ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर वह जिला प्रशासन को भी आवेदन देकर अवगत कराएंगे।उन्होंने कहा की जो लोग भी नदी में फैक्ट्री का गंदा पानी या डस्ट डाल रहे हैं उन पर जिला प्रशासन कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें। बैठक में उसरी बचाव अभियान के राजेश सिन्हा सूरज नयन,रमेश चंद्रवंशी, सूरज सिंह,संदीप राम, पीयूष सिंह, नीतीश चौधरी, सुमन पासवान सोनू कुमार,गोपाल शर्मा आदि लोग उपस्थित थे।